First Aid - बिजली का झटका

एक सामान्य परिचय
आज के युग में बिजली हर जगह है — घरों, दफ्तरों, किनारों, कारखानों और सड़कों पर। यह हमारे जीवन को सुविधाजनक बनाती है, पर सावधानी न बरती जाए तो जानलेवा भी हो सकती है। हर साल लापरवाही के कारण कई लोग बिजली के झटके से घायल या मृत्यु के शिकार होते हैं। इसलिए बिजली, उसके प्रकार, प्रभाव और सही प्राथमिक उपचार (First Aid) को समझना अत्यंत आवश्यक है।

1. बिजली के प्रकार और उनकी विशेषताएँ

बिजली सामान्यतः तीन प्रकार की मानी जाती है:

  • A.C. (Alternating Current) — अधिकांश घरेलू सप्लाई में पाया जाता है; रूप बदलता रहता है। भारत में आवृत्ति आमतौर पर 50 Hz (एक सेकण्ड में 50 चक्री) होती है।

  • D.C. (Direct Current) — बैटरी या कुछ विशेष मशीनों में मिलता है; धारा एक ही दिशा में बहती है।

  • Lightning / वज्रपात — बादलों से गिरने वाली तीव्र और अल्पकालिक उच्च वोल्टेज की बिजली।

वोल्टेज और करंट की तीव्रता पर निर्भर करता है कि झटका कितना खतरनाक होगा। घरेलू वोल्टेज आम तौर पर 110–220 वोल्ट तक होता है; कारखानों और रेलवे लाइनों में वोल्टेज बहुत अधिक हो सकता है (हजारों वोल्ट तक)। करंट की तीव्रता और उसका शरीर से गुज़रने का मार्ग (पैरों से होकर या हृदय के पास से) निहायत महत्वपूर्ण है — यदि करंट हृदय या श्वसन तंत्र से गुजरे तो परिणाम घातक हो सकते हैं।

2. शरीर पर बिजली के प्रभाव — क्यों होता है खतरा?

मनुष्य और कुछ वस्तुएँ (गीला कपड़ा, गीली लकड़ी, धातु आदि) अच्छे चालक होते हैं। जब किसी टूटे हुए तार, खुले स्विच या बिजली की पटरी के संपर्क में शरीर का कोई नंगा भाग आएगा, तो करंट शरीर से होकर पृथ्वी की ओर बहना शुरू कर देता है। करंट की आवृत्ति (उदा. AC में 50 क्लॉस/सेकण्ड) हमारे हृदय और फेफड़ों की सामान्य ताल (हृदय ~72 बार/मिनट, श्वास ~18 बार/मिनट) से बिलकुल अलग होती है। उच्च-गति करंट अंगों को असामान्य गति पर मजबूर कर देता है — जिससे हृदय या श्वसन क्रिया बंद हो सकती है और मृत्यु हो सकती है।

नजातक भ्रांति: अक्सर लोग सोचते हैं कि अगर किसी को करंट लगा है तो उसे खींचकर तुरंत अलग कर देना चाहिए — यह खतरनाक हो सकता है यदि आप बिना सावधानी के नंगे हाथों से छूते हैं। करंट बहुत तेज होता है और बचाव करने वाला भी करंट का शिकार बन सकता है।

यदि करंट का प्रवाह पेट से नीचे या टांगों के माध्यम से जाता है, तो ऊपर के अंगों को कम नुकसान होता है; पर यह सार्वभौमिक नियम नहीं है — स्थिति, मार्ग और करंट की तीव्रता पर निर्भर करता है।

3. संकेत और लक्षण (चिन्ह और लक्षण)

बिजली का झटका लगने पर निम्नलिखित संकेत दिख सकते हैं:

  1. व्यक्ति बोल नहीं पाता, भ्रम या बेहोशी।

  2. शरीर के जोड़ कठोर (स्थिर) हो सकते हैं — मांसपेशियों का जाम होना।

  3. त्वचा या चेहरा नीला पड़ना — ऑक्सीजन की कमी के कारण।

  4. श्वास रुकना या श्वास संबंधी कठिनाई।

  5. नाड़ी कमजोर या पहचानना मुश्किल।

  6. करंट के सीधे संपर्क वाले स्थान पर जलने के निशान, छाले या घाव।

इनमें से किसी भी लक्षण का दिखना गंभीर स्थिति का संकेत है — त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।

4. फर्स्ट ऐड — तुरंत क्या करें (Step-by-step)

महत्वपूर्व नियम: कभी भी नंगे हाथों से व्यक्ति को न छुएँ जब तक स्रोत का करंट बंद न कर दिया गया हो या आप सुनिश्चित न हों कि संपर्क समाप्त हो चुका है।

4.1 तुरंत सुरक्षा सुनिश्चित करें

  • स्विच बंद करें: यदि संभव हो तो घटनास्थल का मेन स्विच या संबंधित स्विच तुरंत बंद करें।

  • यदि स्विच न मिले: किसी सूखे, गैर-चालक (insulating) वस्तु का उपयोग कर के तार/स्रोत को व्यक्ति से अलग करें — जैसे सूखी लकड़ी की छड़ी, रबर हाथीला हुआ उपकरण, सूखा कपड़ा। ध्यान — धातु या गीली वस्तु का प्रयोग न करें।

4.2 दूर से हटाने के तरीके (बिना सीधे छुए)

  • सूखी रस्सी, सूखी लकड़ी, सूखा कपड़ा या गद्दी का उपयोग कर के व्यक्ति या उसके कपड़ों को धीरे-धीरे खींचें — परंतु तेज खींचकर हड्डियाँ या आंतरिक चोटें न कर दें।

  • यदि संभव हो तो आप किसी पर लकड़ी या कड़ा सूखा वस्तु रखकर उसे धक्का देकर दूरी बना सकते हैं।

4.3 बचाव के बाद त्वरित जाँच और प्राथमिक उपचार

  • नाड़ी और श्वास जाँचें: यदि नाड़ी नहीं मिली और श्वास बंद है — तत्काल CPR (ह्रदय–फेफड़ा पुनर्जीवन) शुरू करें। यदि आप CPR नहीं जानते, तो किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से तुरंत सहायता मांगे।

  • घावों की देखभाल: जलने या घावों को साफ-सूखा रखें; खुले घावों पर स्टरिक एंटिसेप्टिक लगाने की कोशिश न करें यदि आप प्रशिक्षित नहीं हैं — बस साफ कपड़े/बैंडेज लगाएँ।

  • बेहोश व्यक्ति की पोजीशन: यदि व्यक्ति बेहोश है लेकिन श्वास कर रहा है, तो उसे साइड-ले-रुक (recovery position) में रखें ताकि श्वास न रुकें और उल्टी होने पर गला साफ रहे।

  • डॉक्टर को बुलाएँ: तुंरत एम्बुलेंस/डॉक्टर बुलाएँ — बिजली का झटका अंदरूनी आर—बी (cardiac/neurological) चोटें कर सकता है जो तुरंत स्पष्ट न हों।

5. बचाव करते समय सावधानियाँ (Do's and Don'ts)

करना चाहिए (Do's):

  • पहले स्रोत को निष्क्रिय/स्विच ऑफ करें।

  • सूखा, गैर-चालक (wood, plastic, rubber-insulated tool) चीज़ से दूरी बनाकर व्यक्ति को अलग करें।

  • यदि श्वास रुक गई है तो CPR शुरू करें और तुरंत मेडिकल सहायता बुलाएँ।

  • जलने वाले हिस्से पर साफ सूखा कपड़ा रखें और व्यक्ति को शांत रखें।

नहीं करना चाहिए (Don'ts):

  • नंगे हाथों या गीले कपड़ों में व्यक्ति को न छुएँ।

  • घटना स्थल पर भीड़ न बनाएँ और किसी अनावश्यक धातु/गीली वस्तु से छेड़छाड़ न करें।

  • करंट खत्म होने से पहले रस्सी/धातु के प्रयोग से व्यक्ति को खींचने का प्रयास न करें।

  • जलने पर घरेलू उपाय (तेल, गंदे चीज़ें) न लगाएँ — सामान्य साफ-सूखा कपड़ा ही रखें।

6. कब डॉक्टर/अस्पताल ले जाएँ (When to seek medical help)

  • यदि श्वास रुक गई या नाड़ी नहीं मिल रही — तत्काल अस्पताल।

  • व्यक्ति बेहोश हो, भ्रमित हो, या बार-बार चक्कर आएँ।

  • करंट के स्थान पर जलने के निशान हों, घाव गहरे हों, या दर्द लगातार बना हो।

  • आँखों, कानों, हृदय या श्वास से संबंधित कोई लक्षण हों — (उदाहरण: सीने में दर्द, साँस लेने में कठिनाई)।

  • कम वोल्टेज के झटके के बाद भी delayed (बाद में) अतालता, थकान या संवेदी समस्याएँ दिखें — जांच करानी चाहिए।

7. रोकथाम — बिजली दुर्घटनाएँ कैसे घटें?

  • टूटे हुए स्विच, खुले तार या फालतू के ढीले कनेक्शन को तुरंत मरम्मत कराएँ; घर पर स्वयं जोखिम भरे सुधार न करें।

  • बच्चों को बिजली के उपकरणों के पास न छोड़ें; switchboard पर safety covers लगाएं।

  • नंगे तारों के पास पानी न रखें; गीले हाथों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण न छुएँ।

  • बिजली के काम के लिए केवल प्रशिक्षित और प्रमाणित इलेक्ट्रिशियन की मदद लें।

  • भारी वोल्टेज वाली लाइनों के आसपास सुरक्षा दूरी बनाए रखें; रेल की पटरियों या ऊँचे बिजली खंभों के पास न जाएँ।

8. संक्षेप (Quick checklist — आपातकालीन कदम)

  1. खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करें — स्रोत ऑफ करें।

  2. सूखा, गैर-चालक उपकरण से व्यक्ति को अलग करें।

  3. नाड़ी और श्वास जाँचें — आवश्यक होने पर CPR दें।

  4. जलने/घावों पर सफाई व सूखा बंधन रखें।

  5. तुरंत मेडिकल सहायता बुलाएँ।

अंत में — एक चेतावनी और संदेश

बिजली जानलेवा हो सकती है, पर थोड़ी समझदारी और सही फर्स्ट ऐड से जान बचायी जा सकती है। सुरक्षित व्यवहार, नियमित मेंटेनेंस और आपातकालीन स्थितियों का ज्ञान (जैसे बेसिक CPR और प्राथमिक उपचार) हम सबकी जिम्मेदारी है। यदि आप या आपका परिवार बिजली से जुड़ा कोई काम करना चाहें तो प्रशिक्षित व्यक्ति की सहायता ही लें।




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