First Aid - फर्स्ट एड बाक्स

मानव जीवन अनमोल है, और किसी भी आकस्मिक दुर्घटना, चोट या आपातकालीन परिस्थिति में तत्काल प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) की उपलब्धता जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत जैसे विशाल और जनसंख्या वाले देश में रेलवे यातायात का दायरा बहुत बड़ा है। प्रतिदिन लाखों लोग रेलवे से यात्रा करते हैं, और इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के बीच छोटे-मोटे हादसे, अचानक बीमार पड़ना, गिरना, कटना, या किसी गंभीर चोट की संभावना हमेशा बनी रहती है।
इन्हीं परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेल ने यह अनिवार्य किया है कि हर उस स्टेशन पर जहाँ स्टेशन मास्टर पदस्थापित है, वहाँ फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध हो। यही नहीं, सभी पैसेंजर ट्रेनों के गार्ड के पास, लंबी दूरी की ट्रेनों जैसे राजधानी, शताब्दी आदि की पेंट्री कार में तथा रेलवे के सभी कारखानों में भी फर्स्ट एड बॉक्स रखना आवश्यक है।

फर्स्ट एड बॉक्स की आवश्यकता

फर्स्ट एड बॉक्स एक ऐसा साधन है जो किसी घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुँचने से पहले तात्कालिक राहत पहुँचाने का कार्य करता है। इसके कई लाभ हैं –

  1. तुरंत सहायता – चोट या दुर्घटना के तुरंत बाद यदि घाव को साफ कर दिया जाए या खून बहना रोक दिया जाए, तो रोगी को काफी राहत मिलती है।

  2. जीवन बचाव – समय पर प्राथमिक चिकित्सा मिलने से गंभीर दुर्घटनाओं में भी जीवन बचाया जा सकता है।

  3. संक्रमण की रोकथाम – पट्टियाँ और एंटीसेप्टिक क्रीम संक्रमण को फैलने से रोकती हैं।

  4. आपात स्थिति में राहत – ट्रेन यात्रा या रेलवे स्टेशन पर तुरंत अस्पताल पहुँचना हमेशा संभव नहीं होता। ऐसे में फर्स्ट एड बॉक्स की सामग्री जीवनरक्षक साबित होती है।

भारतीय रेल में फर्स्ट एड बॉक्स की व्यवस्था

भारतीय रेल ने यात्रियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रावधान किए हैं –

  • सभी स्टेशन जहाँ स्टेशन मास्टर पदस्थापित है, वहाँ फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य रूप से रखा जाता है।

  • अस्पतालों की सूची और टेलीफोन नंबर भी स्टेशन पर उपलब्ध रहते हैं, ताकि आपात स्थिति में तुरंत डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क किया जा सके।

  • ट्रेन व्यवस्था – सभी पैसेंजर ट्रेनों के गार्ड के पास फर्स्ट एड बॉक्स रहता है। लंबी दूरी की गाड़ियों जैसे राजधानी, दुरंतो, शताब्दी इत्यादि की पेंट्री कार में भी यह उपलब्ध रहता है।

  • रेलवे कारखाने – रेलवे के सभी कार्यस्थलों और कारखानों में भी कर्मचारियों की सुरक्षा हेतु फर्स्ट एड बॉक्स रखा जाता है।

फर्स्ट एड बॉक्स की सुरक्षा

किसी भी फर्स्ट एड बॉक्स पर ताला नहीं लगाया जाता। इसे हमेशा पेपर सील किया जाता है ताकि ज़रूरत पड़ने पर इसे तुरंत खोला जा सके। यदि कभी बॉक्स का प्रयोग हो जाता है, तो उसे संबंधित स्वास्थ्य इकाई या अस्पताल भेजकर दोबारा भरा जाता है।

फर्स्ट एड बॉक्स की सामग्री

भारतीय रेल द्वारा निर्धारित फर्स्ट एड बॉक्स में आवश्यक वस्तुएँ निम्नलिखित होती हैं –

  1. Set of six wooden extensible splints (1 Set) – हड्डी टूटने या फ्रैक्चर होने की स्थिति में हड्डी को स्थिर रखने के लिए।

  2. Sterile adhesive strip dressing (20 Nos.) – छोटे कट या घाव पर लगाने के लिए।

  3. Rubber tourniquet (2 Nos.) – अत्यधिक रक्तस्राव रोकने के लिए।

  4. Roller bandages (7.5 cm X 4 mtr gauze, 10 Nos.) – चोटों को बाँधने के लिए।

  5. Triangular bandages (130 cm X 90 cm, 4 Nos.) – हाथ, सिर या अन्य चोटों को बाँधने के लिए बहुउपयोगी कपड़ा।

  6. Tablet Paracetamol (20 Nos.) – बुखार या दर्द में उपयोगी।

  7. Antiseptic cream (25 gm, 1 Tube) – घाव को साफ करने और संक्रमण रोकने के लिए।

  8. Injury card (1 No.) – घायल की जानकारी दर्ज करने हेतु।

  9. Safety pin set (10 Nos.) – पट्टियाँ बाँधने के लिए।

  10. Tablet Diazepam (10 Nos.) – गंभीर दर्द या घबराहट में उपयोग।

  11. Cotton wool (100 gm, 1 Packet) – घाव की सफाई और ड्रेसिंग हेतु।

प्रत्येक सामग्री का महत्व

1. स्प्लिंट्स (Splints)

स्प्लिंट्स का उपयोग हड्डी टूटने की स्थिति में किया जाता है। इससे घायल अंग को स्थिर रखा जाता है ताकि हड्डी का और अधिक नुकसान न हो।

2. एडहेसिव स्ट्रिप ड्रेसिंग

छोटे कट और खरोंच पर लगाने से रक्तस्राव रुक जाता है और संक्रमण की संभावना कम होती है।

3. टूरनीकेट

रबर टूरनीकेट का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का खून तेजी से बह रहा हो और तुरंत खून रोकना जरूरी हो।

4. रोलर बैंडेज

यह घाव को साफ कपड़े से ढकने और दबाव देने के लिए उपयोग होता है, जिससे खून बहना रुकता है।

5. ट्राइएंगुलर बैंडेज

यह सबसे बहुउपयोगी वस्तु है। इसका उपयोग हाथ को लटकाने (sling), सिर या घुटने पर पट्टी बाँधने या चोट को ढकने में किया जाता है।

6. पैरासिटामोल टैबलेट

यह सामान्य बुखार, सिर दर्द या शरीर दर्द में दी जाती है।

7. एंटीसेप्टिक क्रीम

यह बैक्टीरिया को नष्ट कर संक्रमण से बचाती है।

8. इंजरी कार्ड

घायल व्यक्ति का नाम, पता, घटना का विवरण और दी गई प्राथमिक चिकित्सा दर्ज की जाती है। यह आगे की चिकित्सा में सहायक होता है।

9. सेफ्टी पिन

पट्टियों और बैंडेज को बाँधने के लिए।

10. डायजेपाम टैबलेट

यह आपात स्थिति में रोगी को शांति देने या गंभीर दर्द कम करने के लिए दी जाती है, परंतु इसका प्रयोग प्रशिक्षित व्यक्ति ही करें।

11. कॉटन

घाव की सफाई और ड्रेसिंग के लिए आवश्यक।

फर्स्ट एड बॉक्स की देखरेख

रेलवे नियमों के अनुसार, फर्स्ट एड बॉक्स का नियमित निरीक्षण किया जाता है। इसकी सामग्री समय-समय पर बदली जाती है ताकि कोई भी वस्तु एक्सपायर न हो। उपयोग किए गए बॉक्स को तुरंत अस्पताल भेजकर भरा जाता है।

प्रशिक्षण और जागरूकता

रेलवे में केवल फर्स्ट एड बॉक्स उपलब्ध होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि कर्मचारियों को इसके प्रयोग की जानकारी होना भी आवश्यक है। इसलिए –

  • प्रशिक्षण के दौरान कर्मचारियों को बॉक्स की सभी वस्तुओं के उपयोग का प्रैक्टिकल डेमो दिया जाता है।

  • प्रशिक्षक यह समझाते हैं कि किस परिस्थिति में कौन-सा उपकरण कैसे उपयोग करना है।

  • कर्मचारियों को यह भी सिखाया जाता है कि आपात स्थिति में घबराना नहीं है बल्कि धैर्यपूर्वक घायल को राहत पहुँचाना है।

निष्कर्ष

फर्स्ट एड बॉक्स रेलवे सुरक्षा प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह केवल यात्रियों की सुरक्षा ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों की भलाई के लिए भी अनिवार्य है। दुर्घटना की स्थिति में यह एक जीवनदायिनी साधन साबित हो सकता है। यदि समय पर प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध हो जाए, तो गंभीर दुर्घटनाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन बचाया जा सकता है।

इस प्रकार, फर्स्ट एड बॉक्स केवल एक डिब्बा नहीं, बल्कि सुरक्षा, जिम्मेदारी और मानव जीवन के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक है।

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