हमारे शरीर के अंग बहुत संवेदनशील होते हैं, और आँख, कान और नाक उनमें से सबसे नाज़ुक अंग हैं। इनमें किसी भी प्रकार की वस्तु के चले जाने पर तुरंत सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। उचित फर्स्ट ऐड न करने पर दर्द, संक्रमण, घाव और गंभीर स्थिति हो सकती है।
1. आँख में किसी वस्तु के चले जाने पर
आँख शरीर का अत्यंत नाज़ुक अंग है। इसमें कोई भी बाहरी वस्तु जैसे पत्थर, कंकर, कोयला, मिट्टी, धूल, कीड़ा, मच्छर, कांच का टुकड़ा या हाथ की अंगुली आदि लग जाए, तो दर्द, जलन, लाली, और आँसू आना सामान्य है।
लक्षण:
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आँख में तेज दर्द या जलन
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आँख में लालिमा और सूजन
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लगातार आँसू आना
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दृष्टि में अस्थायी धुंधलापन
फर्स्ट ऐड की विस्तृत प्रक्रिया:
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आँख को कभी न मलें:
आँख को हाथ या कपड़े से मत रगड़ें। बच्चों के मामले में उनके हाथ बाँध देना सुरक्षित रहता है। मलने से घाव या संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। -
पलकों की सफाई:
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साफ रूमाल या मलमल के कपड़े का टुकड़ा गीला करें।
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रोगी को नीचे की ओर देखने के लिए कहें।
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ऊपर वाली पलक को धीरे-धीरे पलटकर साफ करें।
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यदि आराम न मिले, तो नीचे वाली पलक भी इसी तरह साफ करें।
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पानी से धोना:
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आँख में साफ पानी के छींटे दें।
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पानी से भरी कटोरी में रोगी को बार-बार आँख झपकाने के लिए कहें।
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यह प्रक्रिया वस्तु को बाहर निकालने और आँख को ठंडक देने में मदद करती है।
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आँख का लोशन या दवा:
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फर्स्ट ऐड बॉक्स में उपलब्ध आँख के लोशन या दवा का उपयोग करें।
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ध्यान रहे कि दवा केवल तभी लगाएँ जब डॉक्टर या फर्स्ट ऐड गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षित हो।
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रासायनिक पदार्थ गिरने पर:
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अगर आँख में अम्ल (तेजाब) या क्षार (सोडियम हाइड्रॉक्साइड आदि) गिर जाए, तो तुरंत बहुत सारा साफ पानी बार-बार डालें।
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इसे कम से कम 15–20 मिनट तक लगातार धोना चाहिए।
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इसके बाद ऊपर दिए गए चरणों का पालन करें।
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चोट लगने पर:
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अगर आँख पर चोट लग जाए, तो गद्दी का उपयोग करके पट्टी बाँधें।
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आँख को हिलाने या दबाने से बचें।
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डॉक्टर के पास जाना:
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अगर दर्द, जलन या दृष्टि में समस्या बनी रहे।
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किसी भी चोट या रासायनिक पदार्थ के संपर्क में आने के बाद।
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2. कान में किसी वस्तु के चले जाने पर
कान भी शरीर का संवेदनशील अंग है। अक्सर लोग खाली समय में कान या दांत में चीज डालकर खुजली कर लेते हैं, जो खतरनाक हो सकता है।
लक्षण:
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कान में दर्द या जलन
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कान में फँसी वस्तु के कारण सुनाई देने में कमी
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कभी-कभी हल्की खाँसी या चुभन
फर्स्ट ऐड:
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कीड़े या मच्छर चले जाने पर:
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Ear drop या Paraffin का उपयोग करें।
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यह कीड़े को बाहर आने में मदद करता है।
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ठोस वस्तु कान में फँसने पर:
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खुद से निकालने का प्रयास न करें।
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कुरेदने से कान की झिल्ली फट सकती है।
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तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ।
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सावधानी:
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सड़क पर किसी अजनबी से कान की सफाई न करवाएँ।
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किसी भी तरह की घरेलू चीज़ जैसे छड़ी, पिन आदि से कान न छेड़े।
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3. नाक में किसी वस्तु के चले जाने पर
नाक में किसी वस्तु के फंसने पर भी सावधानी जरूरी है। ये वस्तुएँ आमतौर पर कीड़े, पेन्सिल का टुकड़ा, सलेटी या छोटे खिलौने हो सकती हैं।
लक्षण:
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नाक से हल्का या तेज़ दर्द
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नाक से बहाव या खून आना
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श्वास लेने में कठिनाई
फर्स्ट ऐड:
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स्वयं निकालने का प्रयास:
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अगर वस्तु आसानी से दिखाई दे रही हो, तो धीरे-धीरे निकालें।
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अत्यधिक छेड़छाड़ न करें, क्योंकि वस्तु और अंदर जा सकती है।
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सांस की व्यवस्था:
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रोगी को मुँह के द्वारा सांस लेने दें।
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नाक से जोर से साँस न खींचें, इससे वस्तु अंदर जा सकती है।
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डॉक्टर के पास जाना:
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अगर वस्तु आसानी से बाहर न आए या रोगी असुविधा महसूस करे, तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएँ।
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विशेष सावधानियाँ और सुझाव
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बच्चों के लिए: बच्चों को किसी भी छोटे-छोटे वस्तु को आँख, कान या नाक में डालने से रोकें।
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साफ-सफाई: किसी भी वस्तु को हटाने से पहले हाथ और उपकरण साफ रखें।
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पैनिक न करें: फर्स्ट ऐड शांत और सावधानीपूर्वक करें।
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आपातकालीन सहायता: अगर समस्या गंभीर हो, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें।
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