- प्राथमिक उपचार करनेवाले व्यक्ति के गुण
- विवेकी (observant) - वह विवेकी , सचेत, निपुण एवं परिश्रमी होना चाहिए । जिससे वह दुर्घटना के चिन्ह पहचान सके;
- व्यवहारकुशल (tactful) - उसे संवेदनशील होना चाहिए । जिससे घटना संबंधी जानकारी जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए वह रोगी का विश्वास प्राप्त करे। वह दयालु होना चाहिए अर्थात् उसके दिल में लोगो के लिए दया होनी चाहिए ।
- युक्तिपूर्ण (resourceful), जिससे वह निकटतम साधनों का उपयोग कर प्रकृति का सहायक बने;
- निपुण (dexterous) - उसकी प्राथमिक सहायता देने का ज्ञान होना चाहिए । जिससे वह ऐसे उपायों को काम में लाए कि रोगी को उठाने इत्यादि में कष्ट न हो;
- स्पष्टवक्ता (explicit), जिससे वह लोगों की सहायता में ठीक अगुवाई कर सके;
- विवेचक (discriminator), जिससे गंभीर एवं घातक चोटों को पहचान कर उनका उपचार पहले करे;
- अध्यवसायी (persevering), जिससे तत्काल सफलता न मिलने पर भी निराश न हो तथा
- सहानुभूतियुक्त (sympathetic), जिससे रोगी को ढाढ़स दे सके, होना चाहिए।
- उसको साहसी होना चाहिए किसी भी परिस्थिति में साहस नही खोने वाला होना चाहिए ।
- उसे आस - पास की चीजो का कैसे उपयोग किया जाए, इसका ज्ञान होना चाहिए ।
- उसमे संयम होना चाहिए हो सकता है की आस - पास के लोग या अस्पताल पहुँचाने पे लोग उल्टी - सीधी बाते करके उसे उत्तेजित कर दे और वह मेडिकल स्टाफ से लड पड़े ।
मोबाइल फोन
आज सभी के पास मोबाइल फोन है परंतु शायद दस प्रतिशत लोग ही अपने मोबाइल में किसी पास डॉक्टर या हास्पिटल का या केजुअल्टी या एम्बुलेंस का नंबर रखते है प्राथमिक सहायता के पास यदि मोबाइल फोन है तो उसे इस प्रकार के नंबर अपने मोबाइल में सेव करके रखना चाहिए ताकि समय पर उसके काम आ सके ।
प्राथमिक सहायता के नियम
1. जो कार्य पहले करना है वही करे तथा शांति, शीघ्रता और बिना किसी घबराहट के करे ।
2. जितना आवश्यक हो उतना ही कार्य करे जिससे मरीज की स्थिति में सुधार हो सके ।
3. रोगी को हिम्मत बंधाये और कठोर शब्दों का प्रयोग न करे ।
4. लोगो की भीड़ नही होने दे और ताजा हवा का प्रबंध करे ।
5. रोगी के कपडे आदि ना उतारे उसके शरीर की गर्मी को बनाए रखे ।
6. अगर कही से रक्त बह रहा हो तो फौरन रोकने की कोशिश करे एवं घाव को कीटाणुओ से संक्रमित होने से बचाये।
7. यदि श्वाँस रुक गया हो तो बनावटी या कृत्रिम श्वाँस तुरंत देना आरम्भ करे ।
8. सूजन को रोकने या कम करने का प्रयास करे ।
9. रोगी को उठाने से पहले हड्डी तो नही टूट गई है यह सुनिश्चित करे ।
10. रोगी को शीघ्र अस्पताल पहुंचाये या डॉक्टर को बुलाने का प्रबंध करे ।
11.जीवन के लक्षण ना मिलने पर भी रोगी को मृत ना समझे और उसे अस्पताल अवश्य पहुंचाये ।
12. रोगी के आस - पास कोई खतरे वाली वस्तू हो तो तुरंत हटाये ।
13. रोगी को जितनी जल्दी फ़ो सके किसी पास वाले सुरक्षित स्थान पर आराम से ले जाये ।
14. अपने आपको डॉक्टर कभी ना समझे और न ही उसकी आज्ञा के बिना किसी कार्य में हाथ डाले ।
15. यदि गम्भीर दुर्घटना हो तो पुलिस को अवश्य सूचना दे एवं पुलिस की पूछताछ के डर से परेशान ना हो ।
16. यदि रोगी के साथ आप न जा सके तो डॉक्टर को पूरा - पूरा हाल लिखकर वाहक के साथ रोगी को भेजे ।
17. कभी भी शराब या ब्रांडी आदि पेय मरीज को न दे ।
18. अंधेरे के समय प्रकाश आदि की व्यवस्था करे ताकि आप अपना कार्य अच्छी तरह से कर सके ।
19. घायल व्यक्ति के साथ उत्साहजनक बाते करके उसे भयहीन करे ।
20. रोगी को बिना हिले - डुले लेटे रहने को कहे और उसे विश्वास दिलाइये की वह प्रशिक्षित हाथो ने है ।
14. अपने आपको डॉक्टर कभी ना समझे और न ही उसकी आज्ञा के बिना किसी कार्य में हाथ डाले ।
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