प्राथमिक उपचार (First Aid) और शरीर के पाँच मुख्य संस्थान
मानव शरीर एक जटिल यंत्र की तरह है। इसमें कई संस्थान (Systems) मिलकर काम करते हैं।
यदि अचानक किसी को चोट लगती है, खून बहता है, साँस लेने में तकलीफ होती है या बेहोशी जैसी स्थिति आती है तो प्राथमिक उपचार (First Aid) देने के लिए हमें शरीर के प्रमुख संस्थानों की जानकारी होना ज़रूरी है।
1. अस्थि संस्थान (Skeletal System)
महत्व
हड्डियाँ (Bones) शरीर का ढाँचा (Framework) बनाती हैं। एक वयस्क मानव शरीर में लगभग 206 हड्डियाँ होती हैं।
इनका कार्य –
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शरीर को आकार और आकृति प्रदान करना।
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शरीर को मजबूत और सहारा देना।
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कोमल अंगों (मस्तिष्क, हृदय, फेफड़े) की रक्षा करना।
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मांसपेशियों को सहारा देकर गति में सहायता करना।
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अस्थि मज्जा में लाल रक्त कण (RBCs) का निर्माण करना।
जोड़ (Joints)
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अचल जोड़ – स्थायी जोड़, जैसे खोपड़ी।
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सचल जोड़ – गतिशील जोड़, जैसे कंधा, कोहनी, घुटना।
सचल जोड़ के प्रकार –
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गेंद-कटोरी जोड़ (Shoulder, Hip) → हर दिशा में गति।
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कब्जेदार जोड़ (Elbow, Knee) → एक ही दिशा में गति।
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फिसलने वाले जोड़ (Wrist, Ankle) → थोड़ी-बहुत फिसलन।
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कीलीदार जोड़ (Neck, Skull) → सीमित गति।
👉 प्राथमिक उपचार में महत्त्व –
हड्डी टूटने (Fracture) पर तुरंत हिलाना-डुलाना नहीं चाहिए। टूटे हिस्से को स्थिर करके पट्टी बाँधना चाहिए और तुरंत चिकित्सक तक पहुँचाना चाहिए।
2. मांसपेशी संस्थान (Muscular System)
मानव शरीर में लगभग 600 से अधिक मांसपेशियाँ होती हैं। ये लाल रंग की तंतु जैसी होती हैं।
कार्य
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जोड़ो को गति देना।
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अंगों को जोड़कर स्थिरता देना।
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रक्त और भोजन के प्रवाह में सहायता करना।
प्रकार
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ऐच्छिक मांसपेशियाँ (Voluntary Muscles) – इच्छा से नियंत्रित। जैसे – हाथ, पैर, उंगलियाँ।
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अनैच्छिक मांसपेशियाँ (Involuntary Muscles) – हमारी इच्छा से नहीं चलतीं। जैसे – हृदय, आंत, श्वासनली।
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हृदय मांसपेशियाँ (Cardiac Muscles) – हृदय की विशेष मांसपेशियाँ जो निरंतर धड़कती रहती हैं।
👉 प्राथमिक उपचार में महत्त्व –
यदि मांसपेशी खिंच जाए (Muscle Sprain) तो प्रभावित स्थान को आराम देना चाहिए, ठंडी या गुनगुनी सिकाई करनी चाहिए और पट्टी बाँधनी चाहिए।
3. रक्त परिवहन संस्थान (Circulatory System)
रक्त (Blood) जीवन का आधार है।
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वयस्क व्यक्ति में लगभग 5.5 से 6 लीटर रक्त होता है।
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यह शरीर में ऑक्सीजन, पोषक तत्व, हार्मोन पहुँचाता है और अपशिष्ट (Waste) बाहर लाता है।
हृदय (Heart)
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छाती में, बाईं ओर।
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आकार – बंद मुट्ठी जितना।
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दिनभर में लगभग 1 लाख बार धड़कता है और लगभग 7000 लीटर रक्त पंप करता है।
हृदय के चार कक्ष:
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दाहिना आलिन्द (Right Atrium) – शरीर से अशुद्ध रक्त लाता है।
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दाहिना निलय (Right Ventricle) – अशुद्ध रक्त फेफड़ों में भेजता है।
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बायाँ आलिन्द (Left Atrium) – फेफड़ों से शुद्ध रक्त प्राप्त करता है।
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बायाँ निलय (Left Ventricle) – शुद्ध रक्त पूरे शरीर में भेजता है।
रक्त वाहिनियाँ
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धमनियाँ (Arteries) – हृदय से रक्त ले जाती हैं।
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शिराएँ (Veins) – रक्त को वापस हृदय तक लाती हैं।
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कोशिकाएँ (Capillaries) – गैसों और पोषण का आदान-प्रदान।
रक्त की संरचना
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प्लाज़्मा (Plasma) – 55% रक्त, पीला तरल।
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लाल रक्त कण (RBCs) – ऑक्सीजन का परिवहन।
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श्वेत रक्त कण (WBCs) – संक्रमण से रक्षा।
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प्लेटलेट्स – खून का थक्का जमाते हैं।
👉 प्राथमिक उपचार में महत्त्व –
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खून बहने पर (Bleeding) तुरंत दबाव डालकर रक्त रोकें।
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साफ कपड़ा या पट्टी बाँधें।
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घाव को ऊँचाई पर रखें।
4. श्वसन संस्थान (Respiratory System)
श्वसन द्वारा शरीर को ऑक्सीजन मिलती है और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है।
अंग
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नाक – वायु को शुद्ध और गर्म करता है।
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कंठ (Larynx) – वायु और भोजन का मार्ग अलग करता है।
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स्वरयंत्र (Vocal cords) – आवाज पैदा करता है।
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श्वासनली (Trachea) – वायु फेफड़ों तक पहुँचाती है।
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ब्रौंकाई (Bronchi) – फेफड़ों तक शाखाएँ बनाती हैं।
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प्रणालिकाएँ (Bronchioles) – छोटी शाखाएँ।
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वायुकोष्ठ (Alveoli) – जहाँ ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान होता है।
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फेफड़े (Lungs) – मुख्य श्वसन अंग।
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डायाफ्राम (Diaphragm) – श्वास लेने और छोड़ने की मुख्य मांसपेशी।
👉 प्राथमिक उपचार में महत्त्व –
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यदि साँस बंद हो जाए (Breathing arrest) तो कृत्रिम श्वसन (Mouth to mouth breathing) देना चाहिए।
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दम घुटने पर तुरंत ताजी हवा उपलब्ध कराएँ।
5. नाड़ी संस्थान (Nervous System)
यह शरीर का नियंत्रण केंद्र है।
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सभी गतिविधियों (गति, सोच, भावना, स्मृति) को नियंत्रित करता है।
अंग
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मस्तिष्क (Brain)
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वृहद मस्तिष्क (Cerebrum) – सोच, अनुभव, स्मरण।
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लघु मस्तिष्क (Cerebellum) – संतुलन व गति।
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सुषुम्ना शीर्षक (Medulla oblongata) – श्वसन और हृदय की धड़कन नियंत्रित करता है।
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सुषुम्ना नाड़ी (Spinal Cord) – रीढ़ से होकर मस्तिष्क और शरीर को जोड़ती है।
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स्नायु (Nerves)
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संवेदनिक स्नायु (Sensory nerves) – समाचार मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं।
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चालक स्नायु (Motor nerves) – मस्तिष्क से अंगों तक आदेश पहुँचाती हैं।
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👉 प्राथमिक उपचार में महत्त्व –
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सिर या रीढ़ की चोट पर रोगी को हिलाना नहीं चाहिए।
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बेहोशी की स्थिति में रोगी को करवट पर लिटाएँ ताकि जीभ व लार से दम न घुटे।
निष्कर्ष
अस्थि, मांसपेशी, रक्त परिवहन, श्वसन और नाड़ी संस्थान – ये पाँचों शरीर को चलाने वाले मूल स्तंभ हैं। प्राथमिक उपचार (First Aid) देते समय इनकी भूमिका सबसे अधिक होती है।
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