प्राथमिक चिकित्सा (First Aid) - परिचय / प्रस्तावना

1. प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा

प्राथमिक चिकित्सा वह तात्कालिक और सीमित उपचार है जो किसी दुर्घटना या अचानक हुई बीमारी के समय रोगी को तुरंत दिया जाता है। यह उपचार इतना पर्याप्त होता है कि रोगी या घायल को सुरक्षित अवस्था में अस्पताल या चिकित्सक तक पहुँचाया जा सके।

सरल शब्दों में“डॉक्टर या अस्पताल पहुँचने से पहले घायल को दी जाने वाली त्वरित सहायता ही प्राथमिक चिकित्सा है।”

2. प्राथमिक चिकित्सा के उद्देश्य

  1. जीवन की रक्षा करना (Preservation of Life):

    • रक्तस्राव रोकना,

    • साँस चलाना बनाए रखना,

    • दिल की धड़कन को चालू रखना।

  2. स्थिति बिगड़ने से रोकना (Prevention of Deterioration):

    • चोट या घाव की दशा और खराब न हो।

    • रोग या दर्द बढ़ने से रोका जाए।

    • संक्रमण से बचाव हो।

  3. स्वास्थ्य लाभ में सहायता करना (Promotion of Recovery):

    • रोगी को आराम और हिम्मत देना।

    • उचित स्थिति में लिटाना या बैठाना।

    • तत्काल चिकित्सीय सहायता मिलने तक रोगी को स्थिर रखना।

3. प्राथमिक चिकित्सा का महत्व

  • आज का युग गति और प्रतिस्पर्धा का है।

  • सड़क दुर्घटनाएँ, औद्योगिक हादसे, प्राकृतिक आपदाएँ, दंगे-फसाद और आतंकवाद लगातार बढ़ रहे हैं।

  • समाचार पत्रों और टीवी पर प्रतिदिन दुर्घटनाओं और मौतों की खबरें आती हैं।

  • अधिकतर मौतें समय पर सहायता न मिलने के कारण होती हैं।

👉 विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पीड़ित को पहले घंटे (Golden Hour) में सही प्राथमिक चिकित्सा मिल जाए, तो लगभग 50% लोगों की जान बचाई जा सकती है।

4. गोल्डन ऑवर (Golden Hour)

  • किसी भी दुर्घटना के बाद पहला 60 मिनट रोगी के जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है।

  • इस समय पर दिया गया सही उपचार मृत्यु और जीवन के बीच का अंतर तय करता है।

  • उदाहरण: सड़क दुर्घटना में रक्तस्राव रोकने या श्वसन नली खुली रखने से रोगी की जान बच सकती है।

5. प्राथमिक चिकित्सा का दायरा

प्राथमिक चिकित्सा निम्नलिखित परिस्थितियों में दी जाती है—

  1. दुर्घटनाएँ: सड़क, रेल, हवाई या औद्योगिक हादसे।

  2. प्राकृतिक आपदाएँ: भूकंप, बाढ़, सुनामी, आग, तूफ़ान।

  3. मानव-निर्मित आपदाएँ: आतंकवादी हमला, युद्ध, दंगे।

  4. स्वास्थ्य आपातकाल: दिल का दौरा, साँस रुकना, विषाक्तता, मिर्गी का दौरा, बेहोशी, जलना, डूबना, हड्डी टूटना।

6. प्राथमिक चिकित्सा देने वाले व्यक्ति के कर्तव्य

  • घबराएँ नहीं, शांत रहें।

  • दुर्घटना स्थल को सुरक्षित बनाएँ (जैसे – आग या ट्रैफ़िक से बचाव)।

  • रोगी की स्थिति का त्वरित आकलन करें –

    1. Airway (A) – श्वसन नली खुली है या नहीं।

    2. Breathing (B) – रोगी साँस ले रहा है या नहीं।

    3. Circulation (C) – दिल की धड़कन और रक्त प्रवाह।

  • पीड़ित को ढांढस दें और उसका मनोबल बढ़ाएँ।

  • ज़रूरी होने पर कृत्रिम श्वसन या CPR (Cardio Pulmonary Resuscitation) दें।

  • तत्काल चिकित्सक या अस्पताल तक पहुँचाने की व्यवस्था करें।

7. प्राथमिक चिकित्सा के लाभ

  • समय रहते चोट या बीमारी को नियंत्रित करना।

  • मृत्यु दर कम करना।

  • संक्रमण और जटिलताओं से बचाव।

  • स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ कम करना।

  • समाज में सेवा और मानवता की भावना बढ़ाना।

8. निष्कर्ष

मनुष्य का जीवन अनमोल है और दुर्घटनाएँ बिना चेतावनी के होती हैं।
ऐसे में प्राथमिक चिकित्सा जीवन रक्षक कवच का काम करती है।
यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति प्राथमिक चिकित्सा का ज्ञान रखे, तो रोज़ हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

 याद रखें – “सही समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा सबसे बड़ी सेवा है और यह हर व्यक्ति को आनी चाहिए।”





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