First Aid - विष/जहर



संसार में जितने भी पदार्थ या जीव - जंतु प्रकृति ने बनाये  है, वे चाहे कितने ही विषैले क्यों न हो,सब हमारे किसी न किसी कम आते है किन्तु कई बार जब हम उनका नासमझी से या जान - बूझकर आत्महत्या के लिये उल्टा सीधा सेवन या प्रयोग करते है तो वही हमारे लिए बीमारी या मृत्यु का कारण बन जाते है जैसे विषैली दवाइय, कीटाणु- नाशक औषधिया, गैस इत्यादि खैर,ये चीजे तो है ही विषैली लेकिन कई बार ऐसे पदार्थ जो हमारे जीवन के लिए आवश्यक है और उनसे हमारे शरीर की पुष्टि मिलती है जब लोभ - लालच में आवश्यकता से अधिक खा - पी लेते है तो  वही हमारे लिए दुखदायी जहर हो जाते है और जब तक की उनका निवारण न किया जाए, मन को शांति नही मिलती
जहर कोई भी  वस्तु - तरल, गैस और सख्त पदार्थ हो सकते है जब यह शरीर में काफी मात्रा में ले ली जाती है अथवा दे दी जाती है तो इसका प्रभाव शरीर पर शीघ्र पड़ना आरंभ हो जाता है और यदि तत्काल प्राथमिक फर्स्ट ऐड  मिले तो जीवन नष्ट हो जाता है यह चार तरह से लिया जा सकता है लिया आत्म - हत्या के लिए और दिया जा सकता है लोभ - लालच में आकर किसी को  मारने, बेहोश करने  के लिए

विष शरीर में  निम्नलिखित तरह से पहुँचता  है -

1. फेफड़ो (साँस) व्दारा
2. खाने अथवा निगलने व्दारा
3. चमड़ी के अंदर इंजेक्शन अथवा  विषैले जानवर के काटने व्दारा
4. चमड़ी के अवशोषण व्दारा

1. फेफड़ो व्दारा - यह आम तौर पर किसी विषैले धुंएक्र सूंघने से जैसे मोटर के पीछे का धूआ, अंगीठी का धूआ, गटर की गैस,लड़ाई के समय बम आदि की गैसों व्दारा

फर्स्ट ऐड
     1.रोगी को उस गैस के प्रभाव से दूर कर  ले
     2.बदन के छाती, गर्दन, कमर के  कपड़े ढीले कर दे
     3.ताजा हवा दे खिडकियाँ दरवाजे आदि खोल दे
     4. नाक, मुँह, गला साफ करे और पानी के छीटे दीजिए
     5.यदि श्वास नही आ  रही हो तो फ़ौरन कृत्रिम श्वास दे
     6. अपने बचाव के लिए भी अपने नाक और मुँह पर गीला कपडा  डाल कर वहा जाये गैसों का प्रभाव हो
2.खाने अथवा निगलने व्दारा - जैसे अफीम, धतूरा,भांग, शराब, कीटाणु - नाशक दवाइयाँ, नींद की गोलिया सादे गले खाद्य पदार्थ इत्यादि
फर्स्ट ऐड - गले में अंगूठी डालकर रोगी को तत्काल उल्टी करवाये या काफी मात्रा में पानी में नमक, पिसी हुई राई घोलकर या पांच - छ: गिलास साबुन का पानी या खाने वाला सोडा पानी में घोलकर पिलाये और उल्टी करवाने के पश्चात् वमन करवा दे और पेट एक बार बिलकुल साफ कर दे क्योकि यदि यह विष अंदर रहा तो ज्यो - ज्यो घुलेगा, त्यों - त्यों नशा बढेगा पेट खाली होने के पश्चात् गर्म चाय, दूध, काफी, आदि दे सकते है शराब आदि न दी जाए उल्टी वाले पदार्थ  को किसी चीज से ढक देना चाहिए इससे रोगी ने कौन सा जहर लिया है यह तो पता लगेगा ही, इसके साथ - साथ Legal significance में  भी मदद मिलेगी 
3. जलाने वाले विष - यदि अम्ल पदार्थ जैसे गंधक, शोरे, नमक का तेजाब इत्यादि या क्षार पदार्थो में  जैसे कास्टिक सोडा, कास्टिक पोटाश तेज अमोनिया इत्यादि - इं दोनों अवस्थाओ में रोगी के होठो, जीभ, जला, पेट जल साँस लेने में भी कठिनाई महसूस होती है होठो पर हाथ  लगाने से साबुन जैसा प्रतीत होता है 
फर्स्ट ऐड 
1.ऐसे रोगी भूल  कर भी उल्टी नही करवाये
2. यदि विष अम्ल हो तो हल्का क्षार पदार्थ देवे जैसे चूने का पानी, खडिया, चाक, मीठे सोडे या मैग्नेशिया का पानी या साबुन को  घोलकर उसका ऊपर का निथरा हुआ पानी 
3. यदि विष क्षार हो तो  हल्की मात्रा का अम्ल पदार्थ पिलाना चाहिए, जैसे  नीबू का रस, जामुन का सिरका, इमली या टाटरी पानी में घोलकर दे ।
4.यदि यह पता न चल सके की विष तेजाब है या क्षार, तो रोगी को ठंडा पानी, ठंडा दूध काफी मात्रा में पिलाओ 
5. यदि श्वास रुक गई है तो तुरंत  कृत्रिम श्वास दे ।





No comments:

Post a Comment

.

Disclaimer: The Information/News/Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.

First Aid - उदेश्य एवं सिद्धांत

First Aid के उदेश्य  घायल व्यक्ति का जान बचाना बिगड़ी हालत से बाहरा निकालना तबियत के सुधार में बढ़ावा देना First Aid  के सिद्धां...