1. घाव और रक्तस्राव क्या है?
जब शरीर पर चोट लगती है, तो कोशिकाएँ टूट जाती हैं और कभी-कभी धमनियाँ और शिराएँ भी कट जाती हैं। इससे रक्तस्राव होता है। अधिक रक्तस्राव होने पर रक्तचाप कम हो जाता है और मस्तिष्क तक रक्त कम मात्रा में पहुँचता है। इसका परिणाम यह होता है कि नाड़ी का कार्य ठीक से नहीं हो पाता और घायल व्यक्ति मूर्छित हो सकता है। साँस बंद होने के अलावा, अधिक रक्तस्राव सबसे खतरनाक स्थिति होती है।
2. घाव के प्रकार (Types of Wounds)
2.1 कटे हुए घाव (Incised Wound)
कटे हुए घाव किसी धारदार वस्तु जैसे ब्लेड या चाकू से होते हैं। इनके किनारे सीधे होते हैं और इनमें धमनियों और शिराओं के कटने की संभावना अधिक होती है।
2.2 फटे हुए घाव (Lacerated Wound)
फटे हुए घाव मशीनों के पुर्जों, कांच या पशुओं के पंजों से लग सकते हैं। इनके किनारे टेढ़े-मेढ़े होते हैं और ये कटे हुए घाव से कम खतरनाक होते हैं।
2.3 कुचले हुए घाव (Crushed Wound)
कुचले हुए घाव किसी भारी हथियार जैसे लाठी या पत्थर की चोट से होते हैं। इस प्रकार के घाव में ऊतक कुचले जाते हैं।
2.4 छिदे हुए घाव (Punctured Wound)
छिदे हुए घाव का मुँह छोटा लेकिन गहराई अधिक होती है, जैसे गोली लगना या चाकू सीधा घुसना।
3. घाव में छूत और संक्रमण (Infection in Wounds)
घाव में हानिकारक कीटाणुओं का प्रवेश ही छूत कहलाता है। कीटाणु अत्यंत सूक्ष्म जीव होते हैं जिन्हें नंगी आँख से नहीं देखा जा सकता। ये पानी, हवा, धूल और मिट्टी में पाए जाते हैं। घाव में कीटाणु प्रवेश करने पर पीप बन जाता है, जो मृत कीटाणु, मृत श्वेत रक्ताणु और मृत कोशिकाओं का मिश्रण होता है। घाव पर कीटाणुरोधक पदार्थ लगाने से श्वेत रक्ताणु की मदद मिलती है और संक्रमण कम होता है।
4. ड्रेसिंग और गद्दी (Dressing and Padding)
4.1 ड्रेसिंग (Dressing)
ड्रेसिंग वह कपड़ा है जो घाव को छूत से बचाने के लिए लगाया जाता है। इसमें कपड़े की जाली या लिंट का प्रयोग किया जाता है। ड्रेसिंग हमेशा कीटाणुरहित होनी चाहिए। सुरक्षा के लिए इसे किसी कीटाणुरहित रसायन के घोल में कुछ देर डुबाया जा सकता है। ड्रेसिंग के लिए सफेद कागज या धुले तथा प्रैस किए हुए कपड़े की भीतरी तह का उपयोग किया जा सकता है।
4.2 गद्दी (Padding)
ड्रेसिंग के ऊपर गद्दी रखी जाती है और पट्टी बाँध दी जाती है। गद्दी के कारण ड्रेसिंग अपने स्थान पर रहती है और पट्टी कस जाती है। अधिक मोटी गद्दी रखने से रक्तस्राव रोकने के लिए दबाव डाला जा सकता है।
5. सामान्य फर्स्ट ऐड (General First Aid for Bleeding)
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घायल को सुविधाजनक स्थिति में लिटाएँ।
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घायल अंग को ऊँचा उठाएँ, हड्डी टूटी हो तो नहीं।
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अगर कोई धमनी या शिरा कट गई है, तो आवश्यक दबाव डालें और बनाए रखें।
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घाव को साफ करें, और यदि कोई वस्तु घाव में फंसी है और आसानी से निकल सकती है तो निकाल दें। जमे हुए रक्त के थक्के न हटाएँ।
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घाव पर ड्रेसिंग और गद्दी रखकर पट्टी कसें।
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घायल अंग को स्थिर करें।
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संभव हो तो ठंडी पट्टी लगाएँ।
6. विशेष फर्स्ट ऐड: धमनी और शिरा रक्तस्राव (Arterial and Venous Bleeding)
6.1 धमनी रक्तस्राव (Arterial Bleeding)
धमनियों से रक्तस्राव के लक्षण हैं: चमकदार लाल रंग का रक्त, हृदय की गति के साथ फुहार की तरह निकलना, और घाव के हृदय की ओर वाले किनारे से बहना। इसका फर्स्ट ऐड: अंगूठों की मदद से संबंधित दबाव स्थान पर दबाव डालें या सिकुड़नी पट्टी (Tourniquet) बाँधें।
6.2 दबाव स्थान (Pressure Point)
धमनी किसी हड्डी या कठोर मांसपेशी के ऊपर से गुजरती है। इस स्थान पर दबाव डालने से रक्त प्रवाह रोका जा सकता है।
6.3 शिरा रक्तस्राव (Venous Bleeding)
शिराओं से रक्त गहरा लाल या नीला होता है और लगातार बहता है। फर्स्ट ऐड में घाव पर सीधा दबाव डालें।
7. फर्स्ट ऐड के महत्वपूर्ण बिंदु
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अधिक रक्तस्राव को हमेशा आपातकालीन स्थिति मानें।
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घाव साफ करें, लेकिन रक्त के थक्के न हटाएँ।
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ड्रेसिंग कीटाणुरहित होनी चाहिए।
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दबाव स्थान पर दबाव डालना रक्तस्राव रोकने का मुख्य तरीका है।
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घायल अंग की ऊँचाई बढ़ाना रक्तस्राव कम करने में मदद करता है।
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